तो इसलिए मनाया जाता है Engineer Day, जानिए क्या है 'राज'
इस दिन महान भारतीय इंजीनियर भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरय्या का जन्म हुआ था। इनकी याद में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर डे मनाया जाता है।
आज पूरे भारत में इंजीनियर्स डे मनाया जा रहा है। क्या आपको पता है ये आज ही क्यों मनाया जाता है? तो हम आपको बता दें की इस दिन महान भारतीय इंजीनियर भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरय्या का जन्म हुआ था। इनकी याद में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर डे मनाया जाता है।
भारत एक विकासशील देश है। आज यहां विभिन्न इंजीनिरिंग कॉलेजेस खुल चुके हैं, जहां से देश के नए नए साइंटिस्ट पैदा हो रहे हैं। आपको बता दें की भारत आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है। ऐसे में भारत में आईटी इंजीनीर्स की भारी संख्या है। इसके साथ ही इंजिनियरिंग के दूसरे कोर्स भी भारत युवाओं का रोजगार के तौर पर बड़ी पसंद हैं।
कौन थे एम विश्वेश्वरय्या
15 सितंबर 1860 को जन्मे एम विश्वेश्वरय्या की जनस्थली मैसूर (कर्नाटक) है। बचपन से ही ये पढ़ाई में बेहद होनहार थे। भारत रत्न से सम्मानित विश्वेश्वरय्या ने मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद वो महाराष्ट्र सरकार में नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त हो गए। सर एमवी के नाम से मशहूर विश्वेश्वरय्या के प्रयासों से ही कृष्णराजसागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक ऑफ मैसूर का निर्माण हो पाया।
शिक्षा को देते थे महत्व
सर एमवी बचपन से ही शिक्षा को बहुत महत्व देते थे उनके मैसूर राज्य के दीवान रहते में स्कूलों की संख्या को 4,500 से बढ़ाकर 10,500 हो गई। इसके साथ ही विद्यार्थियों की संख्या भी 1,40,000 से 3,66,000 तक पहुंच गई। मैसूर में लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल और पहला फर्स्ट ग्रेड कॉलेज (महारानी कॉलेज) खुलवाने का श्रेय भी विश्वेश्वरैया को ही जाता है। उन दिनों मैसूर के सभी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। उनके ही अथक प्रयासों के चलते मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जो देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। उनके कामों को देखते हुए साल 1955 में उन्हें सर्वोच्च भारतीय सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सार्वजनिक जीवन में बतौर इंजीनियर उनके योगदान के लिए भारत हर साल उनके जन्मदिन को इंजीनियर डे के रूप में मनाता है।
आज पूरे भारत में इंजीनियर्स डे मनाया जा रहा है। क्या आपको पता है ये आज ही क्यों मनाया जाता है? तो हम आपको बता दें की इस दिन महान भारतीय इंजीनियर भारत रत्न सर एम विश्वेश्वरय्या का जन्म हुआ था। इनकी याद में हर साल 15 सितंबर को इंजीनियर डे मनाया जाता है।
भारत एक विकासशील देश है। आज यहां विभिन्न इंजीनिरिंग कॉलेजेस खुल चुके हैं, जहां से देश के नए नए साइंटिस्ट पैदा हो रहे हैं। आपको बता दें की भारत आईटी के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश है। ऐसे में भारत में आईटी इंजीनीर्स की भारी संख्या है। इसके साथ ही इंजिनियरिंग के दूसरे कोर्स भी भारत युवाओं का रोजगार के तौर पर बड़ी पसंद हैं।
कौन थे एम विश्वेश्वरय्या
15 सितंबर 1860 को जन्मे एम विश्वेश्वरय्या की जनस्थली मैसूर (कर्नाटक) है। बचपन से ही ये पढ़ाई में बेहद होनहार थे। भारत रत्न से सम्मानित विश्वेश्वरय्या ने मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। इसके बाद वो महाराष्ट्र सरकार में नासिक में सहायक इंजीनियर के पद पर नियुक्त हो गए। सर एमवी के नाम से मशहूर विश्वेश्वरय्या के प्रयासों से ही कृष्णराजसागर बांध, भद्रावती आयरन एंड स्टील वर्क्स, मैसूर संदल ऑयल एंड सोप फैक्टरी, मैसूर विश्वविद्यालय, बैंक ऑफ मैसूर का निर्माण हो पाया।
शिक्षा को देते थे महत्व
सर एमवी बचपन से ही शिक्षा को बहुत महत्व देते थे उनके मैसूर राज्य के दीवान रहते में स्कूलों की संख्या को 4,500 से बढ़ाकर 10,500 हो गई। इसके साथ ही विद्यार्थियों की संख्या भी 1,40,000 से 3,66,000 तक पहुंच गई। मैसूर में लड़कियों के लिए अलग हॉस्टल और पहला फर्स्ट ग्रेड कॉलेज (महारानी कॉलेज) खुलवाने का श्रेय भी विश्वेश्वरैया को ही जाता है। उन दिनों मैसूर के सभी कॉलेज मद्रास विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। उनके ही अथक प्रयासों के चलते मैसूर विश्वविद्यालय की स्थापना हुई जो देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। उनके कामों को देखते हुए साल 1955 में उन्हें सर्वोच्च भारतीय सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सार्वजनिक जीवन में बतौर इंजीनियर उनके योगदान के लिए भारत हर साल उनके जन्मदिन को इंजीनियर डे के रूप में मनाता है।
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